एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से ₹15,000 करोड़ के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, जिसमें दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी 10.18 करोड़ से अधिक शेयर बेचेगी, जो कंपनी की 15% हिस्सेदारी के बराबर है।
एलजी इंडिया आईपीओ के प्रमुख बिंदु
- इश्यू का आकार – इस आईपीओ का कुल मूल्यांकन ₹15,000 करोड़ का होगा, लेकिन इसमें नए शेयर जारी नहीं किए जाएंगे। इससे जुटाई गई राशि एलजी की दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी को जाएगी।
- सेबी की मंजूरी और लिस्टिंग – एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने दिसंबर 2024 में अपना प्रारंभिक ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था और अब इसे मंजूरी मिल गई है। एलजी इंडिया, भारत में सूचीबद्ध होने वाली दूसरी दक्षिण कोरियाई कंपनी होगी, इसके पहले हुंडई मोटर्स इंडिया अक्टूबर 2024 में सूचीबद्ध हुई थी।
- अंडरराइटर्स और बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स – इस इश्यू के लिए मोर्गन स्टेनली इंडिया, जेपी मॉर्गन इंडिया, एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स होंगे
- कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन – एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का वार्षिक राजस्व वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹64,087.97 करोड़ था। कंपनी भारतीय बाजार में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेज सेगमेंट में मजबूत उपस्थिति रखती है, जिसमें वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, एलईडी टीवी पैनल, एयर कंडीशनर और माइक्रोवेव शामिल हैं।
बाजार पर प्रभाव और निवेशकों के लिए संभावनाएं
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के आईपीओ को भारतीय शेयर बाजार में एक बड़े इवेंट के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय बाजार में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेगमेंट में एलजी की मजबूत स्थिति के कारण निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक अवसर हो सकता है। हालांकि, चूंकि यह एक ऑफर फॉर सेल (OFS) है, कंपनी को सीधे कोई पूंजी प्राप्त नहीं होगी, और यह फंडिंग केवल मूल कंपनी को जाएगी।
कुल मिलाकर, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का यह आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है और निवेशकों के लिए दिलचस्प अवसर प्रस्तुत करता है।