भारत ने हाल ही में लगभग 62,000 करोड़ रुपये की रक्षा डील को अंतिम रूप दिया है, जो देश की सैन्य क्षमताओं को आधुनिक बनाने और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इस डील के तहत कई प्रमुख सैन्य उपकरणों की खरीद की गई है, जिनमें राफेल-मेरीन लड़ाकू विमान, स्कॉर्पीन पनडुब्बियां, प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और एडवांस्ड टोअड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) शामिल हैं।
रक्षा डील की मुख्य बातें
1. राफेल-मेरीन लड़ाकू विमान – 63,000 करोड़ रुपये
भारत ने फ्रांस के साथ 26 राफेल-मेरीन लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया है, जिसकी लागत लगभग 63,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। ये विमान भारतीय नौसेना के स्वदेशी आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत पर तैनात किए जाएंगे। इस सौदे में 22 सिंगल-सीटर फाइटर जेट और 4 ट्रेनर वेरिएंट शामिल हैं। इसके साथ हथियार, सिमुलेटर, चालक दल का प्रशिक्षण और 5 साल की लॉजिस्टिक्स सपोर्ट भी दी जाएगी।
2. स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियां – 38,000 करोड़ रुपये
फ्रांस के साथ एक अन्य डील के तहत तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन-क्लास पनडुब्बियों की खरीद की जा रही है, जिसकी कुल लागत 38,000 करोड़ रुपये होगी। ये पनडुब्बियां एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक से लैस होंगी, जिससे ये लंबे समय तक पानी के भीतर संचालन कर सकेंगी। इनका निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई में किया जाएगा, और पहली पनडुब्बी के 2031 तक भारतीय नौसेना में शामिल होने की उम्मीद है।
3. प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर – 53,000 करोड़ रुपये
भारतीय सेना और वायुसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए 156 प्रचंड हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा किया गया है। इस सौदे की कीमत 53,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित ये हेलीकॉप्टर ऊंचाई वाले इलाकों जैसे सियाचिन ग्लेशियर में काम करने में सक्षम होंगे।
4. एडवांस्ड टोअड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) – 8,500 करोड़ रुपये
भारतीय सेना के तोपखाने को मजबूत करने के लिए 307 ATAGS तोपों की खरीद की जा रही है। इस सौदे की कुल लागत 8,500 करोड़ रुपये है। डीआरडीओ (DRDO) द्वारा विकसित इन तोपों का उत्पादन भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स करेंगे। इनमें से 60% तोपों का निर्माण भारत फोर्ज द्वारा किया जाएगा।
इस सौदे का महत्व
- आत्मनिर्भर भारत: इस रक्षा डील में स्वदेशी उत्पादन पर जोर दिया गया है, जिससे भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
- सैन्य क्षमता में वृद्धि: नौसेना, वायुसेना और थलसेना को आधुनिक हथियार प्रणाली मिलेगी, जिससे रणनीतिक शक्ति बढ़ेगी।
- समुद्री सुरक्षा: स्कॉर्पीन पनडुब्बियों से भारत की समुद्री गश्त और निगरानी क्षमता में सुधार होगा।
- हवाई शक्ति: राफेल-मेरीन लड़ाकू विमानों से भारतीय नौसेना की हवाई युद्धक्षमता मजबूत होगी।
- स्थलीय युद्ध क्षमता: ATAGS तोपों से भारतीय सेना की तोपखाने की मारक क्षमता बढ़ेगी।
यह रक्षा डील भारत के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे देश की रणनीतिक स्थिति और रक्षा तैयारियों में सुधार होगा।