23 अप्रैल 2024 को लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान की तैयारियां पूरे देश में जोर-शोर से चल रही थीं। 26 अप्रैल को 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर मतदान होना था। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे प्रमुख राज्य शामिल थे। चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिस की तैनाती की गई। मतदाता जागरूकता अभियान भी तेज किए गए, ताकि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का उपयोग करें। राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार अभियानों को अंतिम रूप दिया, जिसमें रैलियां, जनसभाएं और डोर-टू-डोर कैंपेन शामिल थे। इस चरण में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर थी, जिसने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया। चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की कि वे बिना किसी डर या दबाव के अपने वोट का उपयोग करें। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को लेकर भी आयोग ने जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए। इस चुनाव को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखा जा रहा था।