चीन की एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने दावा किया है कि चीनी सेना ने ईस्टर्न लद्दाख में भारतीय सेना के कब्जे वाली दो चोटियां खाली कराने के लिए माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल किया था। हालांकि, भारतीय सेना ने साफ किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई। यह दावा निराधार है। सेना की ओर से किए ट्वीट में मीडिया में चल रही ऐसी खबरों को गलत बताया गया है।
दो अहम चोटियां छीनने का था दावा
रेनमिन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एसोसिएट डीन जिन केनरॉन्ग ने एक ऑनलाइन सेमिनार में यह दावा किया था। इसका वीडियो सामने आया है। इसमें जिन कह रहे हैं कि उनकी (भारत) सेना ने दो चोटियों पर कब्जा कर लिया था। सामरिक नजरिए से ये चोटियां बहुत अहम थीं।
यह बहुत खतरनाक स्थिति थी। इस वजह से वेस्टर्न थिएटर कमांड पर बहुत दबाव था। उन्हें किसी भी तरह इन चोटियों को वापस लेने का आदेश दिया गया था। साथ ही उन्हें यह भी आदेश था कि किसी भी हालत में फायरिंग नहीं करनी है। यह बहुत कठिन काम था।
‘यह बेहतरीन आइडिया था’
चीनी प्रोफेसर ने कहा कि इस बीच हमारे सैनिक एक बेहतरीन आइडिया के साथ आए। उन्होंने दूसरे ट्रूप्स से बात की और मुश्किल बात का हल निकल आया। उन्होंने माइक्रोवेव हथियारों का इस्तेमाल किया। उन्होंने चोटियों पर नीचे से हमला किया और उन्हें माइक्रोवेव ओवन में बदल दिया। करीब 15 मिनट में ही भारतीय सैनिक उल्टियां करने लगे। वे खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। आखिर वे चोटियों को छोड़कर चले गए। इस तरह हमने दोनों चोटियों को वापस ले लिया। इससे किसी समझौते का उल्लंघन भी नहीं हुआ।
इस घटना पर किसी ने बात नहीं की
ब्रिटिश अखबार द टाइम्स ने जिन के हवाले से लिखा है कि इस घटना का बहुत प्रचार नहीं किया गया, क्योंकि हमने समस्या को खूबसूरती से हल किया था। भारत ने भी इस मसले पर बहुत बात नहीं की क्योंकि वे इतनी बुरी तरह से हार गए थे। टाइम्स के मुताबिक, यह हमला 29 अगस्त को किया गया था।